14 अप्रैल 2012

पर्दे के दृश्य-हिन्दी कविता

बड़ा हो या छोटा पर्दा
उन पर जो दृश्य दिख रहे हैं,
जमाने की नज़रों में आने पहले
कथाकार उनको कागज पर लिख रहे हैं।
कहें दीपक बापू
समाज सेवा हो या फिल्म
समाचार हो या कोई मैच
कुछ अभिनेता सड़क पर
कल्याण का झंडा हाथ में लेकर चल रहे हैं
कुछ मैदान परं अभिनय की
अदाओं में डंडा लेकर ढल रहे हैं,
तुम किसी की जीत पर ताली बजाओ,
या सनसनी पर सकपकाओ,
सच यह है कि
हर इलाके के अदाकार
अमीरों के हाथ बिक रहे हैं।
लेखक और संपादक-दीपक "भारतदीप",ग्वालियर 
poet, writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior

writer aur editor-Deepak 'Bharatdeep' Gwalior

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