2 अप्रैल 2009

तुम्हारा सिक्का भी चल निकलेगा-हिन्दी शायरी

भेड़ की तरह चले किसी के पीछे
तो आम इंसान कहलाओगे
भीड़ जुटा लो तो तुम भी
खास इंसान हो जाओगे

मुश्किल नहीं हैं इंसान को भेड़ बनाना
उनको अपने पीछे भीड़ की तरह चलाना
जेब में रखकर लोहे के टुकड़े
उनको बजाने लगो
ऐसा लगे जैसे चांदी के सिक्के रखे हुए हैं
उनकी आवाज से लोगों के कान खड़े हो जायेंगे
जो बहरे होंगे वह भी पास चले आयेंगे
किसी की जेब से निकालो
किसी को बांटो
तुम्हारे नाम का सिक्का भी चल निकलेगा
बिना खर्च किये तुम
दरियादिल कहलाओगे

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