12 जनवरी 2016

भक्ति के दलाल-हिन्दी कविता(Bhakti ke Dalal-Hindi Kavita)

सर्वशक्तिमान के नाम का
व्यापार भी खूब चले
भक्ति के दलाल कमायें।

स्वर्ग का सपना
मोक्ष का विचार
बेचकर कमायें।

कहें दीपकबापू इंसान से
नाता रखते दिखें सभी
बड़े बोल सुनाकर
दौलत के साथ
शौहरत भी कमायें।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर 

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