17 फ़रवरी 2016

शहर में अमन का नाश-हिन्दी कविता(shahar mein aman ka nash-Hindi kavita)


ख्वाबों के पंख लगाकर
ज़मीन पर स्वर्ग
तलाश करते हैं।

अपने घर से लापता
शहर में अमन का
नाश करते हैं।

कहें दीपकबापू किताब पढ़कर 
कोई शब्दों का
कद्रदान नहीं बनता
अक्ल की कमी वाले
अर्थ का भी नाश करते हैं।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर 

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