ज़माने में नफरत पैदा करने का सौदा
उन लोगों ने किया
जिनके जिम्मे अमन लाने का काम था।
अगर ऐसा नहीं करते
तो खाली हाथ बैठे रहने के इल्जाम में फंसते
इसलिये कातिलों को बुला लिया
मरने वालों के घर के बाहर मजमा लगा लिया
खबरों में हमदर्द के रूप में इसलिये उनका ही नाम था।
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कवि, लेखक और संपादक-दीपक भारतदीप, ग्वालियर
http://anant-shabd.blogspot.com
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*एकांत में तस्वीरों से ही दिल बहलायें, भीड़ में तस्वीर जैसा इंसान कहां
पायें।*
*‘दीपकबापू’ जीवन की चाल टेढ़ी कभी सपाट, राह दुर्गम भाग्य जो सुगम पायें।।*
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5 वर्ष पहले
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