22 जुलाई 2010

प्रसिद्ध होने का भय-हास्य कविता (mashahoor hone ka bhay-hasya kavita)

आशिक ने माशुका से कहा
‘एक टीवी चैनल वाले ने अपने कार्यक्रम में
मेरे को स्वयंवर का प्रस्ताव दिया है,
मैंने भी उससे तुम्हें ही चुनने का
पक्का वादा लिया है,
चलो इस बहाने देश में लोकप्रिय हो जायेंगे
अपना ‘फिक्स स्वयंवर’ रचायेंगे।’
माशुका बोली
‘क्या पगला गये हो,
यह टीवी और फिल्म वाले
भले ही हिन्दी का खाते हैं
शब्द सुनते जरूर पर अर्थ नहीं समझ पाते हैं,
बन गये हैं सभी उनके दीवाने,
इसलिये भाषा से हो गये वीराने,
स्वयंवर में वधु चुनती है वर,
और स्वयंवधु की कोई प्रथा नहीं है मगर,
फिर कहीं मिल गया कोई क्रिकेटर
या भा गया कोई एक्टर
तब तुम्हें भूल जायेंगे,
बिना पैसे मिले प्रचार की वजह से
हम यूं ही बदनाम हो जायेंगे,
वैसे भी लगता है तुम झांसा दे रहे हो,
मेरा इम्तहान ले रहे हो,
क्योंकि तुम्हें मुझ पर विश्वास नहीं,
विवाह तुमसे करूंगी यह आस नहीं है,
इसलिये शायद मुझे फंसा रहे हो,
दिखाने के लिये हंसा रहे हो
यह बाज़ार और प्रचार है जुड़वां भाई,
मेल इनका ऐसा ही है जैसे फरसा और कसाई
हम जैसे लाखों हैं आशिक माशुकाऐं,
मिले टीवी पर मौका तो
बदल दें सभी अपनी आज की आस्थाऐं,
झूठा है तो ठीक
पर अगर सच्चा है तुम्हारा दावा
होगा दोनों को पछतावा
प्रसिद्ध हो जाने पर हम कभी
साथ नहीं चल पायेंगे।’
-----------

कवि, लेखक और संपादक-दीपक भारतदीप, ग्वालियर
http://anant-shabd.blogspot.com

-----------------------------
‘दीपक भारतदीप की हिन्दी-पत्रिका’ पर मूल रूप से लिखा गया है। इसके अन्य कहीं भी प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.दीपक भारतदीप का चिंतन
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका

कोई टिप्पणी नहीं:

समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढ़ें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

संबद्ध विशिष्ट पत्रिकायें

लोकप्रिय पत्रिकाएँ

वर्डप्रेस की संबद्ध अन्य पत्रिकायें