रावण का पुतला जहां तहां जला लिया,
यूं ही सभी ने दशहरा खुशी से मना लिया।
रावणत्व जिंदा है आज भी हर दिल मे
बारुद फूंक कर खुद को राम बना लिया।
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वह हर बरस राम रावण युद्ध दिखायेंगे,
बुराई पर अच्छाई की जीत यूंही लिखायेंगे।
किताबों में लिखी बातें करेंगे सभी लोग,
हम कलियुगी है यह भी बच्चों को सिखायेंगे।
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वह रावण का पुतला जला रहे हैं,
दावा यह कि रावण को जला रहे हैं।
भूख और बेकारी हटाने की बात करते
अपने घर सोने के नल चला रहे हैं।
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यूं ही सभी ने दशहरा खुशी से मना लिया।
रावणत्व जिंदा है आज भी हर दिल मे
बारुद फूंक कर खुद को राम बना लिया।
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वह हर बरस राम रावण युद्ध दिखायेंगे,
बुराई पर अच्छाई की जीत यूंही लिखायेंगे।
किताबों में लिखी बातें करेंगे सभी लोग,
हम कलियुगी है यह भी बच्चों को सिखायेंगे।
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वह रावण का पुतला जला रहे हैं,
दावा यह कि रावण को जला रहे हैं।
भूख और बेकारी हटाने की बात करते
अपने घर सोने के नल चला रहे हैं।
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लेखक और संपादक-दीपक "भारतदीप",ग्वालियर
poet, writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
writer aur editor-Deepak 'Bharatdeep' Gwalior
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