करें जो लोग भलाई का व्यापार,
नाम पायें तो जोड़े नामे का भंडार।
चंदा मांगते बच्चे बूढ़े ओर नारी वास्ते
हवा में उड़कर हो जाते देश से पार।
नाम रख दिया अपना समाज सेवक
बांटे न एक दाना, बनते मेवा के हकदार
कहें दीपक बापू सेवा भी बनी है सौदा
दान लेकर चलाते लोग अपना घरबार।
अपनी सेवा से खाकर मेवा लोग इतराते,
कुछ बावले अपने देवत्तव का करते प्रचार।
हमने सीखी यह बात कि पाखंडी बुनते जाल
दिल में है जिनके सेवा, न मांगे कभी प्रचार।
बड़े लोगों की पूंछ में लटककर
कब तक जिंदगी पार लगाओगे,
लड़खड़ा गिरेंगे जमीन पर जब वह
पहले तुम दब जाओगे।
कहें दीपक बापू
उनका इलाज कोई बड़ा कर देगा
तुम खाओगे ठोकरें
उनको मिलेगी मलाई
तुम सूखी रोटी के लिये तरस जाओगे,
उनके महल रहेंगे हमेशा सलामत
तुम अपने उजड़े आशियाने के लिये
तिनके तिनके जोड़ते रह जाओगे।
-------------------------------दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
नाम पायें तो जोड़े नामे का भंडार।
चंदा मांगते बच्चे बूढ़े ओर नारी वास्ते
हवा में उड़कर हो जाते देश से पार।
नाम रख दिया अपना समाज सेवक
बांटे न एक दाना, बनते मेवा के हकदार
कहें दीपक बापू सेवा भी बनी है सौदा
दान लेकर चलाते लोग अपना घरबार।
अपनी सेवा से खाकर मेवा लोग इतराते,
कुछ बावले अपने देवत्तव का करते प्रचार।
हमने सीखी यह बात कि पाखंडी बुनते जाल
दिल में है जिनके सेवा, न मांगे कभी प्रचार।
बड़े लोगों की पूंछ में लटककर
कब तक जिंदगी पार लगाओगे,
लड़खड़ा गिरेंगे जमीन पर जब वह
पहले तुम दब जाओगे।
कहें दीपक बापू
उनका इलाज कोई बड़ा कर देगा
तुम खाओगे ठोकरें
उनको मिलेगी मलाई
तुम सूखी रोटी के लिये तरस जाओगे,
उनके महल रहेंगे हमेशा सलामत
तुम अपने उजड़े आशियाने के लिये
तिनके तिनके जोड़ते रह जाओगे।
-------------------------------दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
लेखक और संपादक-दीपक "भारतदीप",ग्वालियर
poet, writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
poet, writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
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