महामशीन बन जायेगी
महादानव और
पूरी धरती काले छेद में घुस जायेगी
ऐसा नहीं होना था, नहीं हुआ
क्योंकि हाड़मांस की दानव भी
भस्मासुर जैसे महादानव तभी बनते थे
जब करते थे भारी तपस्या
इंसानी फितरत से बने लोहे के ढांचे का क्या
जो दुनियां ढह जायेगी
देवता तो वह इंसान स्वयं नहीं बनता
महादानव की कल्पना भी भला
कैसे साकार हो पायेगी
यारों, शोर चाहे जितना मचा लो
तपस्या से ही बनता है महान
देवता हो या दानव
भूल जाता है यह बात मानव
बिना तप के केवल
कल्पना तो कल्पना ही रह जायेगी
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