21 जून 2010

नफरत और अमन के सौदागर-हिन्दी क्षणिका (nafrat aur aman-hindi shayari)

ज़माने में नफरत पैदा करने का सौदा
उन लोगों ने किया
जिनके जिम्मे अमन लाने का काम था।
अगर ऐसा नहीं करते
तो खाली हाथ बैठे रहने के इल्जाम में फंसते
इसलिये कातिलों को बुला लिया
मरने वालों के घर के बाहर मजमा लगा लिया
खबरों में हमदर्द के रूप में इसलिये उनका ही नाम था।
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कवि, लेखक और संपादक-दीपक भारतदीप, ग्वालियर
http://anant-shabd.blogspot.com

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