कमरे के अंदर वह खाना खाते हुए
आपस में बतियाइंगे,
कभी चिल्लायेंगे
कभी खिलखिलायेंगे,
बाहर भीड़ के सामने
करेंगे जहान का भला करने के फैसले का दावा
किया होगा जो उनके कारिंदों ने बैठकर
उसे अपनी मुलाकात का नतीजा दिखायेंगे।
कहें दीपक बापू
ऐसे दृश्य देखते हुए बीत गये बरसों
ऊंचाई पर बैठे लोग
अपनी अदाओं से रिझाते हैं
आम इंसानों के घावों से निकलता खून देखकर
,अपना खाली समय मनोरंजन में बिताते हैं,
फिर भी इतिहास के पन्नों में
दरियादिल की तरह लिखायेंगे।
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लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poet-Deepak raj kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
लेखक और संपादक-दीपक "भारतदीप",ग्वालियर
poet, writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
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