26 अप्रैल 2015

धरती की संतान और हथियार-हिन्दी कविता(dharti ki santan aur hathiyar-hindi poem)


तुमने मुझे बांटा है हिस्सों में
यह बात समझाने
कभी कभी यह धरती
अपने से ही टकराती है।

पालती है संतान की तरह
मगर अपनी कोख में ही संजोये
भूकंप और ज्वालामुखी
जैसे हथियारों से
अपनी ताकत बताती है।

कहें दीपक बापू अपनी जिंदगी पर
इतराने वाले
मरने से डरते हैं,
इसलिये बेबसों के लिये
आंखों में घड़ियाली आंसु भरते हैं,
भुलाते हैं यह सत्य
मायावी विकास यात्रा भी
विनाश के पहाड़ तले
दबकर रुक जाती है।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर 

18 अप्रैल 2015

कोई लाभ नहीं-हिन्दी कविता(koyee labh nahin-hindi poem)


ऐसे मजे भी उठाने से
कोई लाभ नहीं
जिनसे हम थकने लगें।

ऐसी दोस्ती से भी
कोई लाभ नहीं
जिसका हिसाब रखने लगें।

कहें दीपक बापू शब्दों का मोल
 उन्हें समझाने से
कोई लाभ नहीं
जो बोलने की बजाय बकने लगें।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर 

5 अप्रैल 2015

योग से संयोग बने-हिन्दी कविता(Yog se sanyog bane-hindi poem)


योग से ही बनता है
जीवन में संयोग
संयोग से मन में
आये शक्ति।

सांस से देह चले
शुद्ध हो तो
अच्छ विचार पले
मन में आये भक्ति।

कहें दीपक बापू अपने प्राण का
आयाम करो
जानो जीवन का मर्म,
अपने विकार हटाओ
जानो ज्ञान प्रकाश का कर्म,
मोहवश जिसे समझे सत्य
वह भ्रम का जाल है आसक्ति।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर 

1 अप्रैल 2015

एक अप्रैल में हास्य रस नहीं-हिन्दी गज़ल(ak april mein hasya ras nahin-hindi gazal

जिसने हास्य रस का स्वाद कभी चखा नहीं।
हृदय में भरे कांटे, फूल उसका सखा नहीं।

जिनके पेट के हंसी का उत्पादन नहंी होता
फूहड़ता में ढूंढते मौज, जिसमें कुछ रखा नहीं।

परनिंदा और अपमान में करते वक्त बरबाद,
मजे के लिये विष पीने से कोई थका नहीं।

कहें दीपक बापू बिगड़ा है सोच का तरीका
एक अप्रैल के मूर्ख दिवस में कुछ रखा नहीं।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर 

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