27 दिसंबर 2012

महाबहस की शौहरत-हिन्दी कविता (mahabahas ke shauharat-hindi kavita)

कुछ लोग हर विषय पर बोलेंगे,
फिर अपने प्रचार की तराजु में
अपनी इज्जत का वजन तोलेंगे।
कहें दीपक बापू
हर जगह छाये हैं वह चेहरे
बाज़ार के सौदागरों से लेकर दाम,
प्रचारकों के साथी होकर करते काम,
अपने लफ्जों की कीमत लेकर ही
हर बार अपना मुंह खोलेंगे,
नाम वाले हो या बदनाम
पर्दे पर विज्ञापनों के बीच 
महाबहस के लिये
सामान जुटायेंगे वही लोग
जो पहले मशहुर होकर
शौहरत के लिये इधर उधर डोलेंगे।
लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poet-Deepak raj kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
लेखक और संपादक-दीपक "भारतदीप",ग्वालियर
poet, writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
‘दीपक भारतदीप की हिन्दी-पत्रिका’ पर मूल रूप से लिखा गया है। इसके अन्य कहीं भी प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.दीपक भारतदीप का चिंतन
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका

४.दीपकबापू कहिन
५,हिन्दी पत्रिका
६,ईपत्रिका
७.जागरण पत्रिका

17 दिसंबर 2012

दिल और दिमाग-हिन्दी शायरी (dil aur dimag-hindi shayari)

अब उदास होने को  हमारा मन नहीं करता,
तन्हा हो या भीड़ में अपना  सोच नहीं मरता।
असलियत आ गयी है सामने
पूरे जमाने की
ख्याली घोड़े पर सवार लोग
करते हैं दौड़ जीतने के दावे
सौदे के सम्मान से हर कोई झोली भरता।
कहें दीपक बापू
अपनी कलम चलती जब कागज पर,
या नाचती हैं  टंकित कर,
होठों पर हंसी खुद-ब-खुद आ जाती है
लोगों ने भर ली झोली सामानों से
हम शब्दों के भंडार से खुश हैं
मुश्किल है आज के दौर में
अपने दिल और दिमाग को जिंदा रखना
यह हर कोई जुटा है खुशियां ढूंढने में
जिंदा रहने के लिये हर पल आदमी मरता।


लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poet-Deepak raj kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
लेखक और संपादक-दीपक "भारतदीप",ग्वालियर
poet, writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
‘दीपक भारतदीप की हिन्दी-पत्रिका’ पर मूल रूप से लिखा गया है। इसके अन्य कहीं भी प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.दीपक भारतदीप का चिंतन
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका

४.दीपकबापू कहिन
५,हिन्दी पत्रिका
६,ईपत्रिका
७.जागरण पत्रिका

11 दिसंबर 2012

बिचारे शब्द-हिंदी कविता (bichare shaba-hindi kavita or poem)

उन घरों में पर क्या जायें
जहां मखमल के कालीन भी
कांटों की तरह चुभते हैं,
मालिक हैं भले ही जहान के वह लोग
मगर आम इंसान के लिये
उनकी जुबान पर बिचारे ष्षब्द उगते है।
कहें दीपक बापू
बेआसरों के नाम पर
कर रहे जो सरेआम सौदे
उनके दरों पर आसरा ढूंढना बेकार हैं
पत्थरों के दिल उनके
क्या बांटेंगे वह हमारे साथ अपनी रोटी
हर जगह खुद सोने और चांदी के दाने चुगते हैं।
---------------

लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poet-Deepak raj kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
लेखक और संपादक-दीपक "भारतदीप",ग्वालियर
poet, writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
‘दीपक भारतदीप की हिन्दी-पत्रिका’ पर मूल रूप से लिखा गया है। इसके अन्य कहीं भी प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.दीपक भारतदीप का चिंतन
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका

४.दीपकबापू कहिन
५,हिन्दी पत्रिका
६,ईपत्रिका
७.जागरण पत्रिका

समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढ़ें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

संबद्ध विशिष्ट पत्रिकायें

लोकप्रिय पत्रिकाएँ

वर्डप्रेस की संबद्ध अन्य पत्रिकायें