अपने कंधों पर
स्वार्थों की अर्थी
ढोना आसान नहीं होता।
जब तक चलती सांस
दौलत से रिश्ता तोड़ना
आसान नहीं होता।
कहें दीपकबापू सब मित्रों से
मत पूछना कभी हमारा पता
अपनी लतों के
पीछे भागती भीड़ से
गुम होना आसान नहीं होता।
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