4 अप्रैल 2016

अमीर दिखने से डरते हैं-हिन्दी कविता (AmirDikhne se Darte hain-HindiPoem)

ऊंचाई पर पहुंचे लोग
नीचे गिरने से
बहुत डरते हैं।

नीचे की असलियत
ऊपर आकर न सताये
चिंता में मरते हैं।

कहें दीपकबापू मत पूछो
खातों का हिसाब
जहान के पहरेदारों से
गरीबों के रहनुमा
अमीर दिखने से डरते हैं।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर 

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