23 मार्च 2009

तब एकमत हो पाएंगे-लघु हास्य व्यंग्य

वह दोनों बैठकर टीवी के सामने बैठकर समाचार सुन और देख रहे थे। उस समय भारत की जीत का समाचार प्रसारित हो रहा था। एक ने कहा-‘यार, आज समाचार सुनाने वाली एंकर ने क्या जोरदार ड्रेस पहनी है।’
दूसरे ने कहा-‘हां, आज हरभजन ने आज जोरदार गेंदबाजी की इसलिये भारत जीत गया।
पहला-‘आज एंकर के बाल कितने अच्छे सैट हैं।
दूसरा-हां, सचिन जब सैट हो जाता है तब तो उसे कोई आउट नहीं कर सकता।
पहला-दूसरी तरफ जो एंकर है वह भी बहुत अच्छी है, हालांकि उसकी ड्रेस आज अच्छी नहीं थी।
दूसरा-‘हां, आज दूसरी तरफ गंभीर जम तो गया था पर उससे रन नहीं बन पा रहे थे। ठीक है यार, कोई रोज थोड़े ही रन बनते हैं।
पहले ने कहा-‘आज वाकई दोनों लेडी एंकरों की जोड़ी रोमांचक लग रही है।’
दूसरे ने कहा-‘हां, आज वाकई मैच बहुत रोमांचक हुआ। ऐसा मैच तो कभी कभी ही देखने को मिलता है।’
अचानक पहले का ध्यान कुछ भंग हुआ। उसने दूसरे से कहा-‘मैं किसकी बात कर रहा हूं और तुम क्या सुन रहे हो?’
दूसरे ने कहा-‘अरे यार, मैं तो क्रिकेट की बात कर रहा हूं न। आज भारत ने मैच रोमांचकर ढंग से जीत लिया। सामने टीवी पर उसका समाचार ही तो चल रहा है।
पहले ने कहा-‘अरे, आज भारत का मैच था। मैंने तो ध्यान ही नहीं किया। क्या आज भारत मैच जीत गया? मजा आ गया।’
दूसरे ने आश्चर्य से पूछा-‘पर तुम फिर क्या देख और सुन रहे थे? यह टीवी पर क्रिकेट के समाचार ही तो आ रहे हैं पर तुम किसकी बात कर रहे थे?’
तब तक टीवी पर विज्ञापन आना शुरु हो गये। पहले कहा-‘छोड़ो यार, अब तो देखने के लिये विज्ञापन ही बचे हैं। चलो चैनल बदलते हैं।’
दूसरा चैनल बदलने लगा तो पहले ने कहा-‘देखें दूसरे चैनल पर पुरुष एंकर है या महिला? कोई दूसरा चैनल लगाकर देखो।
दूसरे ने कहा-‘यार, खबर तो सभी जगह भारत के जीतने की आ रही होगी। कहीं भी देखो। चैनल वालों में एका है कि वह एक ही समय पर कार्यक्रम दिखायेंगे ताकि दर्शक उनकी तय खबरों से भाग न सके।’
सभी जगह विज्ञापन आ रहे थे। पहले वाले ने झल्लाकर कहा-‘ओह! सभी जगह विज्ञापन आ रहे हैं। मजा नहीं आ रहा। चलो कहीं फिल्म लगा दो। शायद वहीं दोनों एकमत होकर देख और सुन पायेंगे।
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