तारीख बदल रोज
बदल जाती
मगर मनुष्य हैं
कि
पुराने दिन भुला
नहीं पाते।
जिंदगी से
संघर्ष में
भाग्य के ज्ञान
की
किसी के समझ में
नहीं आई,
श्रम और कर्म से
भी मंजिल
किसी किसी के
पास नहीं आई,
सफलता पास आते
ही
लोग सपनों को सुला देते हैं।
कहें दीपक बापू
आकाश में
उड़ने वाले देवता
धरती का दर्द
नहीं समझते,
अपने पर नहीं
भरोसा
वही लोग उनके
लिये
भक्ति का भाव
भरते,
जिंदगी चलती
कायदे से,
रिश्ता सभी का
फायदे से,
फुरसत में यूं
ही
धर्म और
संस्कृति को
सड़क पर झुला
देते हैं।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर
athor and editor-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
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