17 सितंबर 2015

योगसाधना से ही बाबा रामदेव की प्रतिभा का आंकलन संभव-हिन्दी लेख(Yogsadhna se he BabaRamDev ki Pratibha ka aanklan sambhav-Hindi article)


                           बाबा रामदेव सभी विषयों में सिद्ध हो सकते हैं। नियमित योगसाधना के अभ्यासी इस बात को सहजता से स्वीकार कर लेंगे। एक योग तथा ज्ञानसाधक होने के कारण हमारा ध्यान हमेशा ही बाबा रामदेव के टीवी पर आने वाले साक्षात्कारों तथा कार्यक्रमों की तरफ स्वाभाविक रूप से जाता है। जिज्ञासावश उनकी आंखों और चेहरे के हावभाव का अध्ययन करने का विचार भी होता है।  हमने आज से चौदह वर्ष पूर्व जब योग साधना का अभ्यास प्रारंभ किया तब बाबा रामदेव चर्चित नहीं थे। उस समय जब पार्क में योग शिविर में सिंहासन और हास्यासन करते थे तब लोग आश्चर्य से देखते थे।  संभवतः दो तीन वर्ष बाद ही बाबा रामदेव का प्रचार टीवी चैनलों से बढ़ा तो उसके बाद सामान्य जनमानस की धारणा ही योग साधना के प्रति बदल गयी। आज एकांत में भी हास्यासन, सिंहासन या ताली बजाने के अभ्यास को भी कोई आश्चर्य से नहीं देखता।
                 अपने योग और ज्ञानसाधना के अभ्यास के बाद हमने यह देखा है कि अनेक लोगों में दैहिक तथा मानसिक  स्थिति में गुणात्मक रूप से दृढ़ता आयी है।  बड़ी उम्र में अभ्यास करने वाले वह लोग जिनका दैहिक तथा मानसिक स्वास्थ्य का स्तर गिरना था वह न केवल स्थिर रहा वरन् आश्चर्यजनक रूप से उनमें एक आत्मविश्वास दिखाई दिया।  ऐसे में जब हम बाबा रामदेव की तरफ देखते हैं तो लगता है कि बरसों से पूर्ण वैज्ञनिक ढंग से योगसाधना करने और कराने के अभ्यास से उनके अंदर असाधारण प्रतिभा का निर्माण अस्वाभाविक नहीं है।  इस पर वह योगाचार्य की पदवी पर प्रतिष्ठित हैं तो उनके पास वैसे संगी साथी भी आये होंगे जिनसे हर विषय पर उनकी चर्चा होती होगी।  योग के अभ्यास से बाबा रामदेव की बुद्धि अलौकिक गुणों से संपन्न अवश्य होगी इसलिये वह किसी विषय पर सुनने और पढ़ने के बाद अपने चिंत्तन से उस पर अपनी राय बनाते होंगे।
          हम न तो बाबा रामदेव के शिष्य हैं न ही उनसे कोई हमारा संपर्क है पर एक योग और ज्ञान साधक के रूप में हमारी मान्यता है कि वह वर्तमान युग में एक दुर्लभ दृश्यव्य योगी है। कम से कम कोई नियमित योग साधक तो इस मान्यता पर आपत्ति नहीं करेगा। जिनको करना है वह नियमित योगसाधना करें तो ही हमारी बात समझ पायेंगे।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर 

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