6 मार्च 2014

ख्वाब देखने की आदत-हिन्दी व्यंग्य कविता(khawab dekhne ke aadat-hindi vyangya kavita)



कभी उदास कभी मुस्कराती है जिंदगी
एक पल दर्द है दूसरे पल ही
खुशी मुस्कराती चली आती है,
समय ठहरता नहीं है
फिर भी खुशनुमा पलों के रुकने की
ख्वाहिश मन को सताती है।
कहें दीपक बापू
लोग चाल बदलते हैं अपने मतलब के लिये,
अंधेरों के हमदर्द  बाद में बनते हैं
पहले अपने घर के रौशन कर दिये,
धोखा देना आसान है इस दुनियां में
करता है जब ज़माना पत्थरों पर आस,
कमाने की चाहत वालों से वफादारी की उम्मीद बेकार
दलालें का देवता न सोना होता न देवी होती घास,
मुसीबत से लड़ने फरिश्ते आकाश से नहीं आते
सच्चाई से मुंह फेर कर
ख्वाब देखने की आदत इंसान को सताती है।
-----------------

लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poet-Deepak raj kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
लेखक और संपादक-दीपक "भारतदीप",ग्वालियर
poet, writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
‘दीपक भारतदीप की हिन्दी-पत्रिका’ पर मूल रूप से लिखा गया है। इसके अन्य कहीं भी प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.दीपक भारतदीप का चिंतन
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका

४.दीपकबापू कहिन
५,हिन्दी पत्रिका
६,ईपत्रिका
७.जागरण पत्रिका

कोई टिप्पणी नहीं:

समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढ़ें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

संबद्ध विशिष्ट पत्रिकायें

लोकप्रिय पत्रिकाएँ

वर्डप्रेस की संबद्ध अन्य पत्रिकायें