2 मार्च 2015

बादशाह और आम इंसान-हिन्दी कविता(badshah aur aam insan-hindi poem)



बादशाहों का राज

यूं ही चलता है

आम इंसान अपनी जिंदगी की

जंग अपनी दम पर लड़ता है।



सपने जगाते हैं

राज के रखवाले

कोई सवाल कर नहीं सकता

जवाब में भी जड़ता है।



कहें दीपक बापू हुकमत का

खजाना बढ़ाना आम इंसानों की

जिम्मेदारी होती

भले ही इधर भूख हो

उधर अन्न सड़ता है।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर 

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