जो तुम भी चाहोगे
इंसानी बुत बनकर
बड़े कहलाओगे।
सीख लो नटों के इशारों की डोर पर नाचना
जमाने में मशहूर हो जाओगे।
आम इंसान की अगर
नसीब हुई है जिंदगी
करो उसी की बंदगी
आजादी में सांसें ले रहे हो
इसी पर करो फख्र
खुश रहो इस बात पर
कि नहीं है गिरने की फिक्र
बड़े बनकर
गंवा बैठोगे अपना अमन
कितनी भी ऊंचाई पर जाओ
चिंताओं की गठरी सिर पर उठाओगे।
पर्दे के पीछे बैठे काले चेहरों से
कभी मुंह नहीं फेर पाओगे
इंसानी बुत बनकर
बड़े कहलाओगे।
सीख लो नटों के इशारों की डोर पर नाचना
जमाने में मशहूर हो जाओगे।
आम इंसान की अगर
नसीब हुई है जिंदगी
करो उसी की बंदगी
आजादी में सांसें ले रहे हो
इसी पर करो फख्र
खुश रहो इस बात पर
कि नहीं है गिरने की फिक्र
बड़े बनकर
गंवा बैठोगे अपना अमन
कितनी भी ऊंचाई पर जाओ
चिंताओं की गठरी सिर पर उठाओगे।
पर्दे के पीछे बैठे काले चेहरों से
कभी मुंह नहीं फेर पाओगे
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